अपशकुन, बुरा और नकारात्मक नहीं है पितृ पक्ष… कर्ण की कथा से जानिए श्राद्ध का महत्व

TARESH SINGH
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श्राद्धपक्ष में यज्ञ, तर्पण, पिंडदान और दान जैसे कार्य प्रमुख होते हैं. जैसे किसी परिवार में शोक या पुण्यतिथि पर हंसी-ठिठोली या उत्सव नहीं किए जाते, उसी तरह इस काल में भी बड़े उत्सवों से परहेज़ रखा जाता है. पितृ पक्ष के इसी महत्व को महाभारत में कर्ण की कथा से समझाया गया है.​श्राद्धपक्ष में यज्ञ, तर्पण, पिंडदान और दान जैसे कार्य प्रमुख होते हैं. जैसे किसी परिवार में शोक या पुण्यतिथि पर हंसी-ठिठोली या उत्सव नहीं किए जाते, उसी तरह इस काल में भी बड़े उत्सवों से परहेज़ रखा जाता है. पितृ पक्ष के इसी महत्व को महाभारत में कर्ण की कथा से समझाया गया है. 

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