मंगलवार को ऊपर से सामान्य दिखने वाले राजनीतिक गतिविधियों के ठीक पीछे एक सियासी तूफान आकार ले रहा था. सोमवार को सभापति जगदीप धनखड़ ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के विपक्षी सदस्यों के नोटिस को स्वीकार कर लिया. यह लगभग उसी समय (दोपहर 2 बजे) हुआ जब यह खबर आई कि निचले सदन में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के 100 से ज़्यादा सांसदों ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.