एक असुर का शरीर कैसे बन गया पितरों की मुक्ति का स्थान?

TARESH SINGH
1 Min Read

गयाजी तीर्थ का महत्व एक असुर से है, जो असुर होने के बावजूद पवित्र माना जाने लगा था. यहां भगवान विष्णु के चरण चिह्न वाले विष्णुपद मंदिर में पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने से आत्माओं को सीधी मुक्ति और वैकुंठ प्राप्त होता है.​गयाजी तीर्थ का महत्व एक असुर से है, जो असुर होने के बावजूद पवित्र माना जाने लगा था. यहां भगवान विष्णु के चरण चिह्न वाले विष्णुपद मंदिर में पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने से आत्माओं को सीधी मुक्ति और वैकुंठ प्राप्त होता है. 

Share This Article
Leave a Comment