कश्मीर में जहां था आतंक का डेरा, वहां लग रहे चौके-छक्के, क्रिकेट ने बदली तस्वीर

TARESH SINGH
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पुलवामा ने 25 अगस्त की रात इतिहास रच दिया जब यहां पहली बार फ्लडलाइट्स के नीचे क्रिकेट मैच खेला गया. रॉयल प्रीमियर लीग का उद्घाटन मुकाबला रॉयल गुडविल और सुल्तान स्प्रिंग्स बारामुला के बीच हुआ. हजारों दर्शक इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बने, और युवाओं के लिए खेल ने नई उम्मीद और अवसरों का संदेश दिया.

कश्मीर में क्रिकेट का पुनरागमन: एक नई सुबह

अतीत: जब स्टेडियम में उठा आतंक का साया

  • 1983 में भारत-वेस्ट इंडीज़ मैच के दौरान श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में हिंसा भड़क गई, जब विवादित परिस्थितियों में पिच खोद दी गई, जिससे क्रिकेट का जश्न एक राजनीतिक-हिंसात्मक प्रदर्शन बन गया। उस घटना के बाद यह स्टेडियम आतंकवाद के कारण लंबे समय तक बंद रहा और CRPF केंद्र में परिवर्तित हो गयाIndia TodayWikipedia

  • आतंकवादी उथल-पुथल और लंबे संघर्ष के वर्षों ने कश्मीर में खेलों, विशेषकर क्रिकेट, की संभावनाओं को गहरे स्तर पर प्रभावित किया थाThePrintIndia Today

वर्तमान: अब स्टेडियम में गूँजते हैं कट इसकी गूँज

  • अक्टूबर 2024 में, कश्मीर ने Legends League Cricket (LLC) के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी का ऐतिहासिक क्षण देखा—जहाँ बाकशी स्टेडियम में बड़े पैमाने पर दर्शक जमा हुए और खेल को फिर से एक सामूहिक उत्सव के रूप में अपनाया गयाWikipediaThe Kashmir DialoguesGreater Kashmir

  • यह न केवल खेल का आयोजन था, बल्कि कश्मीर में शांति, सामूहिकता और एक सामान्य जीवन के संकेतों की वापसी भी थीGreater KashmirThe Kashmir Dialogues+1

खेल और पहचान में बदलाव

  • पूर्व की नफरत से नई पहचान तक
    पहले कश्मीर में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं था, बल्कि राजनीति और भावनात्मक जुड़ाव का माध्यम था। लोग पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाते थे; लेकिन अब नए युवा और स्थानीय दर्शक भारत की टीम की जीत पर गर्व करते हैं—यह भावनात्मक और पहचानगत बदलाव दर्शाता हैThe Kashmir Dialogues

  • स्थानीय क्रिकेट लीगों का उदय
    कश्मीर प्रीमियर लीग (KPL) जैसे टूर्नामेंट्स ने युवाओं को अवसर दिए और सेना-समुदाय संबंधों को मजबूत करने में मदद की—यह खेल का सामुदायिक और सामाजिक दायित्व को दर्शाता हैWikipedia

  • सामाजिक वाह्यता और सशक्त युवा वर्ग
    खेल—विशेषकर क्रिकेट—ने सलाखों के पीछे की दुनिया से कश्मीरी युवाओं को आगे आने और केंद्रित लक्ष्यों के प्रति प्रेरित करने में मदद की। अब युवा भारत की टीम की सफलता पर उत्साहित होते हैं और उनका नजरिया सकारात्मक बदलाव की दिशा में हैThe Kashmir Dialogues+1


सारांश तालिका

स्थितिपूर्व (संघर्ष)अब (शांति-क्रांति)
खेले का स्वरूपआतंक की छाया में पिच खोद दी गई, मैच बाधितLLC जैसे इवेंट्स से स्टेडियम में रोमांच और उमंग का माहौल
दर्शकों का अनुभवडर, विभाजन, अलगावखुशी, आम जीवन में वापसी, आम जनता का उत्साहित जुड़ाव
सामाजिक पहचानपाकिस्तानी टीम का समर्थन, प्रतिरोध的 भावनाभारतीय टीम के प्रति गर्व, विकास और एकता की भावना
खेल का उद्देश्यराजनीतिक हिंसा और अशांति का प्रतिबिंबशांति, समरसता, युवा सशक्तिकरण, विकास का प्रतीक

निष्कर्ष

जहाँ यह मैदान एक समय में आतंकवाद और राजनीतिक प्रतिबंधों का प्रतीक था, वहीं अब यह एक पुनर्जागरण की जगह बन गया है—जहाँ क्रिकेट ने कश्मीर की तस्वीर बदल दी है

खेल की वापसी ने न केवल मनोरंजन को जगाया है, बल्कि इस क्षेत्र में विश्वास, सामूहिकता और सकारात्मक परिवर्तन की एक नई कहानी लिखी है।

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