परंपरा और आधुनिकता की टकराहट से एक बार फिर गयाजी सुर्खियों में है. ऑनलाइन पिंडदान पर गयापालों का तर्क है कि पिंडदान जैसी गंभीर धार्मिक क्रिया किसी और के द्वारा या वर्चुअल माध्यम से संभव ही नहीं है. यहां यह जानना दिलचस्प है कि गयाजी और पिंडदान का महत्व रामायण-महाभारत समेत कई कथाओं में आया है. गरुण पुराण तो इस प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन दर्ज है.परंपरा और आधुनिकता की टकराहट से एक बार फिर गयाजी सुर्खियों में है. ऑनलाइन पिंडदान पर गयापालों का तर्क है कि पिंडदान जैसी गंभीर धार्मिक क्रिया किसी और के द्वारा या वर्चुअल माध्यम से संभव ही नहीं है. यहां यह जानना दिलचस्प है कि गयाजी और पिंडदान का महत्व रामायण-महाभारत समेत कई कथाओं में आया है. गरुण पुराण तो इस प्रक्रिया का विस्तार से वर्णन दर्ज है.