माता देवकी ने कहा, ‘प्रभु आपके जिस रूप को अव्यक्त और सबका कारण बतलाया है, जो ब्रह्म ज्योति स्वरूप, समस्त गुणों से रहित और विकारहीन है, जिसे विशेषण रहित अनिर्वचनीय निष्क्रिय एवं केवल विशुद्ध सत्ता के रूप में कहा गया है- वही बुद्धि आदि के प्रकाशक ‘विष्णु’ आप स्वयं हैं’.