दहेज जैसी कुप्रथा कानूनन अपराध होने के बावजूद भी समाज और खासकर सोशल मीडिया पर ‘स्टेटस सिंबल’ बनकर फल-फूल रही है. इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब पर दूल्हे कार, सोना और हथियार दिखाकर दहेज को महिमामंडित करते हैं. निक्की भाटी जैसी घटनाएं इसकी घातक सच्चाई उजागर करती हैं. समुदाय और समाजशास्त्रियों का मानना है कि दहेज से लड़ने की कोई ठोस कोशिश नहीं हुई.दहेज जैसी कुप्रथा कानूनन अपराध होने के बावजूद भी समाज और खासकर सोशल मीडिया पर ‘स्टेटस सिंबल’ बनकर फल-फूल रही है. इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब पर दूल्हे कार, सोना और हथियार दिखाकर दहेज को महिमामंडित करते हैं. निक्की भाटी जैसी घटनाएं इसकी घातक सच्चाई उजागर करती हैं. समुदाय और समाजशास्त्रियों का मानना है कि दहेज से लड़ने की कोई ठोस कोशिश नहीं हुई.