गाजियाबाद के मोदीनगर की आशा देवी ने एक मिसाल कायम की है, जो रिश्तों में आस्था और समर्पण की सच्ची तस्वीर है. चौदह जुलाई को उन्होंने हरिद्वार से अपने लाचार पति सचिन कुमार को पीठ पर बैठाकर करीब एक सौ अस्सी किलोमीटर की कांवड़ यात्रा शुरू की और नौ दिन में मोदीनगर पहुंचकर पूरी की.