बिहार के आरा में गंगा नदी की उफनती लहरें स्थानीय लोगों के लिए भयानक सपना लेकर आई है. बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है लेकिन एक बुजुर्ग किसान अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं है. उन्होंने भावुक स्वर में कहा कि सालों की कमाई से बनी थी यह घर लेकिन इस बार बाढ़ ने सब कुछ लील लिया. फसलें बह गईं, गायें डूब गईं.बिहार के आरा में गंगा नदी की उफनती लहरें स्थानीय लोगों के लिए भयानक सपना लेकर आई है. बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है लेकिन एक बुजुर्ग किसान अपना घर छोड़ने को तैयार नहीं है. उन्होंने भावुक स्वर में कहा कि सालों की कमाई से बनी थी यह घर लेकिन इस बार बाढ़ ने सब कुछ लील लिया. फसलें बह गईं, गायें डूब गईं.