जरा सोचिए, कोई शख्स सालों तक काम पर न जाए और फिर भी मोटी सैलरी मिलती रहे. सुनने में ये कहानी फिल्मी लगती है, लेकिन हकीकत में जर्मनी की एक टीचर के साथ ऐसा हुआ. 16 साल तक क्लासरूम से दूर रहने के बावजूद उन्हें वेतन मिलता रहा.जरा सोचिए, कोई शख्स सालों तक काम पर न जाए और फिर भी मोटी सैलरी मिलती रहे. सुनने में ये कहानी फिल्मी लगती है, लेकिन हकीकत में जर्मनी की एक टीचर के साथ ऐसा हुआ. 16 साल तक क्लासरूम से दूर रहने के बावजूद उन्हें वेतन मिलता रहा.