राजस्थान के जोधपुर जिले का खेजड़ली गांव श्रद्धा, आस्था और पर्यावरण संरक्षण का केंद्र बना हुआ है. भादवा सुदी दशमी पर लगने वाले अनोखे मेले में लाखों श्रद्धालु और पर्यावरण प्रेमी जुटते हैं, जहां 17वीं सदी में खेजड़ी वृक्षों को बचाने के लिए मां अमृता देवी बिश्नोई और 363 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. इस मेले में महिलाएं सोने-हीरे-कुंदन जड़ित लाखों की ज्वेलरी पहनकर पहुंचीं और शहीदों को नमन किया.राजस्थान के जोधपुर जिले का खेजड़ली गांव श्रद्धा, आस्था और पर्यावरण संरक्षण का केंद्र बना हुआ है. भादवा सुदी दशमी पर लगने वाले अनोखे मेले में लाखों श्रद्धालु और पर्यावरण प्रेमी जुटते हैं, जहां 17वीं सदी में खेजड़ी वृक्षों को बचाने के लिए मां अमृता देवी बिश्नोई और 363 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. इस मेले में महिलाएं सोने-हीरे-कुंदन जड़ित लाखों की ज्वेलरी पहनकर पहुंचीं और शहीदों को नमन किया.