कैबिनेट ने राजस्थान के कोटा-बूंदी में 1,507 करोड़ रुपये की हवाई अड्डा परियोजना को मंजूरी दी

TARESH SINGH
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1. एक नया युग: कैबिनेट ने मंजूरी दी ₹1,507 करोड़ की अत्याधुनिक उड़ान योजना

19 अगस्त 2025 को एक ऐतिहासिक मोड़ जब केंद्र सरकार की कैबिनेट कमेटी ऑन इकनॉमिक अफेयर्स (CCEA) ने राजस्थान के कोटा-बूंदी क्षेत्र में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट परियोजना को मंजूरी दी। यह प्रस्ताव भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के नेतृत्व में ₹1,507 करोड़ की अनुमानित लागत पर तैयार किया गया है The Times of IndiaRediffThe Economic Times। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी साझा की कि यह एयरपोर्ट प्रति वर्ष लगभग 2 मिलियन यात्री (20 लाख) संभालने की क्षमता रखेगा RediffThe Economic Times

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यह परियोजना केवल कनेक्टिविटी बढ़ाने का माध्यम नहीं, बल्कि कोटा-बूंदी क्षेत्र की व्यापक आर्थिक और पर्यटन विकास की दिशा का प्रवर्तक है।


2. स्थान का चयन और परियोजना की रूपरेखा

इस एयरपोर्ट का प्रस्तावित स्थल राव शांतिभवन के पास स्थित शंभूपुरा गाँव, कोटा जिले में है, जो बुंदी से लगभग 20 किलोमीटर, कोटा से 15 किलोमीटर, और रावतभाटा से 50 किलोमीटर दूरी पर है Wikipedia। यह क्षेत्र चंबल गारियल वन्यजीव अभ्यारण्य और मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क के गिर्द समाहित है, और रामगढ़ विशधरी टाइगर रिज़र्व के बफ़र एरिया में भी आता है Wikipedia+1

पहले वाला कोटा हवाई अड्डा केवल छोटे (Code-B) विमानों के लिए था और विस्तार की गुंजाइश भी सीमित थी Wikipedia+1। इसी कमी को दूर करते हुए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट में पहली किस्त के तहत 3,200 मीटर लंबी रनवे, तीन Narrow-body विमान पार्किंग aprons**, 15,000 वर्ग मीटर का टर्मिनल भवन, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर, 250-वहन क्षमता का कार पार्क, और सार्वजनिक परिवहन ज़ोन शामिल होंगे Wikipedia। दूसरे चरण में रनवे को 3,581 मीटर तक बढ़ाया जाएगा, साथ ही Code 4C विमान संचालन, CAT-I लाइटिंग, टॅक्सीवे और अतिरिक्त स्टैंड बनाए जाएंगे Wikipedia

सरकार ने लगभग 1,089 एकड़ जमीन मुफ़्त में उपलब्ध कराई, जिसे राजस्थान सरकार ने AAI को हस्तांतरित किया Rediff


3. इस मंजूरी से जुड़े पूर्व की पहलें

  • दिसंबर 2022: राज्य सरकार ने शुरुआत में ₹115 करोड़ की मंजूरी दी जिसमें से ₹45 करोड़ कोटा अर्बन डेवलपमेंट ट्रस्ट, ₹75.8 करोड़ राज्य सरकार और ₹40 करोड़ विद्युत प्रसारण निगम ने बिजली लाइनों के स्थानांतरण में योगदान दिया Wikipedia

  • जुलाई 2024: तीनतर्फा MoU हुआ—AAI, रियायत विकास विभाग और सिविल एविएशन विभाग के बीच WikipediaETGovernment.com

  • 5 मई 2025: सिविल एविएशन मंत्रालय से ‘इन-प्रिंसिपल’ मंजूरी मिली WikipediaETGovernment.com

इन पहलुओं का योग यह दर्शाता है कि यह परियोजना वर्षों से रणनीतिक प्राथमिकता पर रही है।


4. आर्थिक और सामाजिक प्रभाव की संभावनाएँ

4.1 क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और शिक्षा-उद्योग को बढ़ावा

कोटा, जो शिक्षा केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है—जहाँ हर वर्ष लाखों छात्र कोचिंग के लिए पहुँचते हैं—वहाँ एयरपोर्ट बनने से राष्ट्रीय स्तर से सीधे जुड़ाव होगा। इससे विद्यार्थी, शिक्षाविद एवं उनका परिवार अधिक आसानी से पहुँच सकेंगे The Times of IndiaReddit

4.2 पर्यटन और व्यापार को प्रोत्साहन

बूंदी का स्थापत्य, बर्दा बांध का प्राकृतिक सौंदर्य और आसपास के वन्यजीव आकर्षण—जैसे रामगढ़ विशधरी वाइल्डलाइफ रिज़र्व—अब दूरदराज के पर्यटकों की पहुँच में आएँगे Wikipedia+1

4.3 रियल एस्टेट और रोजगार

हवाइअड्डे के पास जमीन के दामों में नाटकीय वृद्धि की संभावना है—स्थानीय निवासी और जमीन मालिक इससे लाभान्वित हो सकते हैं Haryana News TodayReddit। निर्माण और संचालन में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।


5. पर्यावरणीय और सांस्कृतिक संवेदनशीलता

5.1 वन क्षेत्र और अभ्यारण्य के साथ संतुलन

यह एयरपोर्ट वन क्षेत्र और टाइगर रिजर्व के बफ़र में बनेगा—इसलिए पर्यावरणीय प्रभाव का सावधानी पूर्वक आकलन आवश्यक है Wikipedia+1

5.2 ऐतिहासिक विरासत का ध्यान

बूंदी में राव सूरजमल हाड़ा की छतरी के ध्वस्त होने पर खास सामाजिक विरोध हुआ था। राजपूत समाज ने एयरपोर्ट का नामकरण “राव सूरजमल हाड़ा” के नाम पर करने की मांग भी उठाई थी Amar Ujala। बाद में इसके पुनर्निर्माण पर सहमति बनी और शिलान्यास हुआ The Times of India


6. राजनीतिक और प्रशासनिक पहल

6.1 राज्य और केंद्र सरकार के बीच तालमेल

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निरीक्षण के समय कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियाँ पूरी कर चुकी है। यदि केंद्र की ओर से जुड़ाव में देरी होती है, तो राज्य अपनी निधियों से आगे बढ़ेगा The Daily Guardian

इसके विपरीत, केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि राज्य ने अब तक केवल 33.4 हेक्टेयर ही AAI को सौंपा, जिससे देरी हुई Hindustan Times

6.2 नामांकन पर लोकल दबाव

बूंदी और कोटा के विधायक और निवासी चाहते थे कि एयरपोर्ट का नाम “कोटा-बूंदी एयरपोर्ट” रखा जाए, जिससे स्थानीय पहचान बनी रहे The Times of IndiaDainik Bhaskar


7. नागरिक दृष्टिकोण: Reddit समुदाय की प्रतिक्रियाएँ

  • एक उपयोगकर्ता ने लिखा कि एयरपोर्ट की क्षमता बड़ी है और यह अपेक्षा से बढ़कर है, लेकिन शहर की क्षमता पर सवाल उठाया गया Reddit

  • एक अन्य ने लिखा कि यह बहुत देर से हुआ, अगर समय रहते बन जाता तो कोटा की अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बड़ा फायदा मिलता Reddit

ये टिप्पणियाँ इस बात को सजगता से दर्शाती हैं कि परियोजना की उम्मीदाें और प्रतीक्षा दोनों लंबे समय से चल रही थीं।


8. निष्कर्ष: एक उम्मीद और जिम्मेदार यात्रा

यह ₹1,507 करोड़ का हरीश रेखा पार करने वाला निर्णय सिर्फ एक वित्तीय मंजूरी नहीं है, बल्कि कोटा-बूंदी क्षेत्र का एक नया अध्याय है। यह परियोजना:

  • क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी,

  • रोजगार, शिक्षा, पर्यटन और निवेश को प्रोत्साहित करेगी,

  • संस्कृति और पर्यावरण के संतुलन को महत्व देगी,

  • राज्य और केंद्र की साझेदारी को पुनः स्थापित करेगी।


9. आगे की दिशा

अगर आप चाहें, तो मैं इस रिपोर्ट में निम्नलिखित विषय और विस्तार से शामिल कर सकता हूँ:

  • LightOnChip जैसी टेक्नोलॉजी परियोजनाओं की तरह इस विमानक्षेत्र की “भविष्य दृष्टि” (vision document),

  • वित्तीय मॉडल (उदाहरण: PPP मॉडल, AAI की निधि व्यवस्था),

  • स्टेज-वाइज कार्ययोजना और निर्माण का विस्तृत समय-रेखा,

  • स्थानीय नागरिकों और उद्योगपतियों की व्यक्तिगत कहानियाँ और प्रभाव।

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