बेंगलुरु में सड़क गड्ढों की समस्या ने नागरिकों की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इस समस्या के समाधान के लिए बृहद बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के मुख्य आयुक्त महेश्वर राव ने हाल ही में अधिकारियों को गड्ढा भराई कार्य को तत्काल प्रभाव से तेज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत जोनल माइक्रो-प्लान तैयार करने का भी आदेश दिया है ताकि प्रमुख और उप-प्रमुख सड़कों पर मरम्मत कार्य प्राथमिकता से किया जा सके। Hindustan Times
गड्ढों की पहचान और मरम्मत की प्रक्रिया
बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस और BBMP ने मिलकर GIS तकनीक का उपयोग करके शहर भर में 4,500 गड्ढों की पहचान की है। इनमें से 3,621 गड्ढे BBMP के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। महेश्वर राव ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इन गड्ढों की मरम्मत के लिए उपयुक्त सामग्री जैसे हॉट मिक्स, कोल्ड मिक्स या इको-फिक्स का उपयोग किया जाए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मरम्मत कार्य की गुणवत्ता की निगरानी तकनीकी सतर्कता प्रकोष्ठ और गुणवत्ता नियंत्रण प्रभाग द्वारा की जाए। The Times of IndiaHindustan Times+1
नागरिकों की सक्रिय भागीदारी
हाल ही में, बेंगलुरु के गंजुर-दोड्डाकनेल्ली रोड पर नागरिकों ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सड़क गड्ढों की मरम्मत स्वयं की। इस पहल ने BBMP को सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया, और उन्होंने मरम्मत कार्य शुरू किया। हालांकि, कुछ निवासियों ने इस तात्कालिक कार्रवाई को स्थायी समाधान के रूप में नहीं देखा और अधिक व्यापक और दीर्घकालिक उपायों की आवश्यकता जताई। The Times of India
समन्वय और पारदर्शिता
BBMP ने अन्य विभागों जैसे BESCOM, BWSSB, NHAI और BMRCL के साथ समन्वय बढ़ाने का निर्णय लिया है ताकि सड़क मरम्मत कार्यों में कोई लापरवाही न हो। इसके अलावा, उन्होंने GIS मैपिंग का उपयोग करके मरम्मत कार्यों की पूर्व और बाद की तस्वीरें अपलोड करने का निर्देश दिया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। Hindustan Times+2Reddit+2
निष्कर्ष
बेंगलुरु में सड़क गड्ढों की समस्या नागरिकों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय रही है। BBMP द्वारा गड्ढा भराई कार्य को तेज करने के आदेश और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी इस समस्या के समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम हैं। हालांकि, दीर्घकालिक समाधान के लिए सड़क निर्माण की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर जल निकासी व्यवस्था की आवश्यकता है।