भारत सरकार ने हाल ही में नया ऑनलाइन गेमिंग बिल पारित किया है, जिसके तहत ई-स्पोर्ट्स (Esports) को अब आधिकारिक रूप से मुख्यधारा (Mainstream) खेलों का दर्जा मिल गया है। यह कदम डिजिटल गेमिंग इंडस्ट्री और युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक बदलाव माना जा रहा है।
📌 बिल की मुख्य बातें
ई-स्पोर्ट्स की पहचान
अब ई-स्पोर्ट्स को केवल “ऑनलाइन गेम” नहीं बल्कि एक खेल गतिविधि के रूप में मान्यता दी गई है।
इसका दर्जा क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य पारंपरिक खेलों की तरह होगा।
नियमन और संरचना
ई-स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं का संचालन अब युवा कार्य और खेल मंत्रालय (MYAS) के अधीन होगा।
गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स को नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
निवेश और रोजगार
ई-स्पोर्ट्स को मान्यता मिलने से स्टार्टअप्स और गेमिंग कंपनियों को निवेश का मौका मिलेगा।
युवाओं के लिए नए करियर विकल्प जैसे ई-स्पोर्ट्स खिलाड़ी, गेम डेवलपर, कोच, मैनेजर, कमेंटेटर आदि बढ़ेंगे।
खिलाड़ियों को फायदा
ई-स्पोर्ट्स खिलाड़ी अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आधिकारिक खिलाड़ी कहलाएँगे।
उन्हें सरकारी सहायता, स्पॉन्सरशिप और स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप मिल सकेगी।
नशे और जुए से अलग पहचान
बिल में स्पष्ट किया गया है कि ई-स्पोर्ट्स को ऑनलाइन बेटिंग और जुए की श्रेणी से अलग रखा जाएगा।
🏆 भारत के लिए महत्व
भारत में करीब 45 करोड़ गेमर्स हैं, जिनमें से लाखों युवा ई-स्पोर्ट्स को करियर बनाना चाहते हैं।
सरकार का यह कदम भारत को वैश्विक ई-स्पोर्ट्स हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
2023 के एशियाई खेलों (Asian Games) में भी ई-स्पोर्ट्स को पदक प्रतियोगिता में शामिल किया गया था, और भारत ने इसमें भाग लिया था।
✨ निष्कर्ष
नए ऑनलाइन गेमिंग बिल ने ई-स्पोर्ट्स को खेलों की मुख्यधारा में लाकर युवाओं के लिए नए अवसर खोले हैं। इससे न केवल खिलाड़ियों को सम्मान मिलेगा बल्कि भारत की डिजिटल इकोनॉमी को भी मजबूती मिलेगी।