गणेशजी के प्रथम पूज्य होने का क्या है रहस्य… सिर्फ एक प्रतियोगिता जीतने से नहीं मिला था यह सम्मान

TARESH SINGH
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ज्योतिष शास्त्र में गणेशजी को केतु का रूप माना जाता है. केतु एक छाया ग्रह है, जो राहु छाया ग्रह से हमेशा विरोध में रहता है. यह इस बात का प्रतीक है कि बिना विरोध के ज्ञान नहीं आता है और बिना ज्ञान के मुक्ति नहीं है.​ज्योतिष शास्त्र में गणेशजी को केतु का रूप माना जाता है. केतु एक छाया ग्रह है, जो राहु छाया ग्रह से हमेशा विरोध में रहता है. यह इस बात का प्रतीक है कि बिना विरोध के ज्ञान नहीं आता है और बिना ज्ञान के मुक्ति नहीं है. 

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