गुस्से का गाली से पुराना रिश्ता है. गालियां भाषाओं और बोलियों जितनी पुरानी हैं. लेकिन संसार और सोच भले ही आगे बढ़े हों, गालियां अभी भी दैहिक, लैंगिक और घटिया बनी हुई हैं.गुस्से का गाली से पुराना रिश्ता है. गालियां भाषाओं और बोलियों जितनी पुरानी हैं. लेकिन संसार और सोच भले ही आगे बढ़े हों, गालियां अभी भी दैहिक, लैंगिक और घटिया बनी हुई हैं.