इस दर्दभरे समय में, वंदना जैन और उनके पूरे परिवार ने जिस तरह से अपनी निजी पीड़ा को एक वैज्ञानिक और मानवतावादी उपहार में बदल दिया, इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. ये कहानी हमें यह तय करने के लिए प्रेरित करती है कि कभी-कभी संवेदना और साहस ही सबसे बड़ी विरासत होते हैं.इस दर्दभरे समय में, वंदना जैन और उनके पूरे परिवार ने जिस तरह से अपनी निजी पीड़ा को एक वैज्ञानिक और मानवतावादी उपहार में बदल दिया, इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. ये कहानी हमें यह तय करने के लिए प्रेरित करती है कि कभी-कभी संवेदना और साहस ही सबसे बड़ी विरासत होते हैं.