पीहू ने मुस्कुराते-मुस्कुराते साथ जिंदगी को अलविदा कह दिया. भाई का आखिरी लम्हों तक भी ख्याल रखा और पति लक्ष्यराज से वादा निभाते हुए आखिरी सांस तक लड़ती रही. जाते-जाते भी चेहरे पर वही हिम्मत की झलक थी, जिसने परिवार को गहरी सीख दी. अब उसकी यादों में सिर्फ वो मुस्कान और जज्बा है, जो सबको जीना सिखा गया.पीहू ने मुस्कुराते-मुस्कुराते साथ जिंदगी को अलविदा कह दिया. भाई का आखिरी लम्हों तक भी ख्याल रखा और पति लक्ष्यराज से वादा निभाते हुए आखिरी सांस तक लड़ती रही. जाते-जाते भी चेहरे पर वही हिम्मत की झलक थी, जिसने परिवार को गहरी सीख दी. अब उसकी यादों में सिर्फ वो मुस्कान और जज्बा है, जो सबको जीना सिखा गया.