हड्डियों के कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझते हुए भी जालोर की 27 साल की पीहू ने आखिरी पलों तक मुस्कान और हिम्मत बनाए रखी. ICU में पीहू ने अपने अंतिम समय में भी भाई की चिंता करते हुए कहा, ‘तूने खाना नहीं खाया है, जाकर खा ले, मैं कहीं नहीं जा रही. पिता अपनी लाडली बेटी को याद कर भावुक हो गए और कहा कि उन्हें लगता है बेटी उनके आसपास ही है.हड्डियों के कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझते हुए भी जालोर की 27 साल की पीहू ने आखिरी पलों तक मुस्कान और हिम्मत बनाए रखी. ICU में पीहू ने अपने अंतिम समय में भी भाई की चिंता करते हुए कहा, ‘तूने खाना नहीं खाया है, जाकर खा ले, मैं कहीं नहीं जा रही. पिता अपनी लाडली बेटी को याद कर भावुक हो गए और कहा कि उन्हें लगता है बेटी उनके आसपास ही है.