Sawan Shivling Puja 2025

Sawan Shivling Puja 2025

सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा, सरल साधना से मिलेगा मनचाहा फल

सावन माह में यह पूजा व्यक्ति  को मानसिक, शारीरिक और  आध्यात्मिक  बल प्रदान करती है। यह एक ऐसा साधन है

जिससे साधक भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकता है।

सनातन परंपरा में भगवान शिव की पूजा के अनेक रूप वर्णित हैं, जिनमें से पार्थिव शिवलिंग की पूजा को सर्वोच्च माना गया है। सावन माह में यह पूजा व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक बल प्रदान करती है। यह एक ऐसा साधन है जिससे साधक भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकता है और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकता है।

पार्थिव शिवलिंग पूजा का पौराणिक आधार   कलियुग में कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने सबसे पहले पार्थिव शिवलिंग की स्थापना कर शिव उपासना की, जिसके बाद यह परंपरा जन-जन में प्रचलित हो गई। लिंग पुराण के अनुसार, शनिदेव ने भी काशी में पार्थिव शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की आराधना की थी जिससे उन्हें अपने पिता सूर्यदेव से अधिक बल प्राप्त हुआ। 

पार्थिव शिवलिंग की पूजा से मिलने वाले फल

लिंग पुराण और शिवपुराण में वर्णित है कि जो भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक पार्थिव शिवलिंग की पूजा करता है, उसे जीवन में सुख, शांति, यश और धन की प्राप्ति होती है। पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष मार्ग सुलभ होता है। जिन दंपतियों को संतान सुख नहीं मिल रहा हो, उन्हें सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा का विशेष लाभ मिलता है। इसी प्रकार, जिन कन्याओं का विवाह विलंब से हो रहा हो, वे यह पूजा करके योग्य जीवनसाथी प्राप्त कर सकती हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस पूजन से अकाल मृत्यु का भय भी दूर हो जाता है।