चेन्नई के SIMS Hospitals ने एक गंभीर और दुर्लभ स्थिति — Dermatofibrosarcoma Protuberans (DFSP) — से पीड़ित एक आईटी प्रोफेशनल का शानदार इलाज किया है। यह एक बेहद दुर्लभ और आक्रामक त्वचा कैंसर है, जो प्रति मिलियन एक से पांच लोगों को प्रभावित करता है। मरीज ने पिछले आठ वर्षों में तीन सर्वाइकल सर्जरीज़ होने के बावजूद कैंसर की पुनरावृत्ति देखी। आइए जानते हैं इस केस की पूरी कहानी।
H2: केस की पृष्ठभूमि और चुनौतियाँ
मरीज को DFSP का निदान लगभग आठ साल पहले हुआ, जो त्वचा की मझली परत से शुरू होने वाला दुर्लभ ट्यूमर है।
कैंसर घातक नहीं लेकिन अत्यधिक आक्रामक है, जो त्वचा, मांसपेशियों और हड्डियों को प्रभावित कर सकता है।
मरीज के तीन सर्जरी के बाद भी कैंसर बार-बार वापस आ गया। इसकी लोकेशन — स्कैल्प और खोपड़ी के क्षेत्र में — खतरनाक थी। ट्यूमर ने स्किन और स्कल दोनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था।
स्थानीय आँकड़ों के अनुसार DFSP केवल प्रत्येक मिलियन में 1-5 लोगों को प्रभावित करता है, यानी यह एक बेहद दुर्लभ स्थिति है।
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H2: सर्जिकल प्रक्रिया और उजागर तकनीक
सर्जरी की जटिलता: ट्यूमर की लोकेशन ब्रेन के करीब थी, जिससे हर कदम पर जोखिम बढ़ जाता था।
डॉक्टर्स ने ट्यूमर को हटाने के साथ-साथ स्काल्प और स्कल का री-कंस्ट्रक्शन किया।
री-कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल की गई तकनीकें:
स्किन ग्राफ्ट्स और टिश्यू फ्लैप्स
टिश्यू एक्सपैंडर
मरीज की जांघ से लिया गया टिशू
साथ ही, फेफड़ों में फैले कैंसरस नोड्यूल को भी हटाया गया।
सर्जरी का नेतृत्व करने वाले वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन Dr. Krishnamoorthy और कंसल्टेंट प्लास्टिक सर्जन Dr. Shyamnath Krishna Pandian K ने उच्च जोखिम और विशेषज्ञता की वजह से इस केस को बेहद चुनौतीपूर्ण बताया।
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H3: मरीज की वर्तमान स्थिति
मरीज अब अच्छी सेहत में है और रिकवरी कर रहा है।
लेकिन डॉक्टरों ने आगे भी यथासंभव सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है:
नियमित फॉलो-अप
सन प्रोटेक्शन (धूप से बचाव)
स्कैल्प हाइजीन का ध्यान
ये उपाय पुनरावृत्ति को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं।
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H2: Dermatofibrosarcoma Protuberans (DFSP) क्या है?
विशेषताएँ:
एक असामान्य और स्थानीय रूप से आक्रामक नरम ऊतक ट्यूमर।
त्वचा की मध्य परत (Dermis) से शुरू होता है और धीरे-धीरे बढ़ता है।
शुरुआती दौर में दर्दरहित गांठ या पैच के रूप में प्रकट होता है।
समय पर निदान और सर्जिकल हस्तक्षेप से इलाज संभव है।
जोखिम:
अक्सर बढ़ता रहता है और पुनरावृत्ति की संभावना रहती है।
यदि इलाज में देरी होती है, तो आसपास के मांसपेशियों और हड्डियों को भी प्रभावित कर सकता है।
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H3: FAQs — अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. DFSP कितना आम है?
यह अत्यंत दुर्लभ है, सिर्फ़ प्रति मिलियन एक से पांच व्यक्ति इसे प्रभावित होते हैं।
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Q2. क्या DFSP दर्दनाक होता है?
शुरुआती अवस्था में यह सामान्यतः दर्दरहित होता है। बाद में स्वरूप और स्थिति के अनुसार लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
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Q3. इलाज कितना जटिल था?
अत्यंत जटिल। ट्यूमर का स्थान (स्कैल्प व स्कल), पूर्व सर्जरी और कैंसर की पुनरावृत्ति ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया।
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Q4. रिकवरी के बाद आगे क्या अहम है?
नियमित फॉलो-अप, धूप से बचाव, और स्कैल्प की स्वच्छता को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
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निष्कर्ष
यह मामला न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रेरणादायक है, बल्कि रोगी को एक नई जिंदगी देने वाला भी है। SIMS अस्पताल की टीम ने चिकित्सा कौशल, धैर्य और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर अद्भुत काम किया। DFSP जैसे दुर्लभ कैंसर का इलाज संभव है — बशर्ते विशेषज्ञों, समय पर हस्तक्षेप और निरंतर देखभाल का साथ मिले।
इस कहानी से यह सिखने को मिलता है कि चिकित्सा जगत में विशेषज्ञता, आधुनिक तकनीकों और समर्पण की सहभागिता अलौकिक परिवर्तन ला सकती है।