इस अगस्त, मुंबई ने ऐसा मानसून देखा है जिसने शहर को लगभग ठप कर दिया है। पिछले कुछ दिनों में शहर में अत्यधिक बारिश हुई—54 घंटे में सामान्य अगस्त की बारिश का 37% बारिश रिकॉर्ड की गई, जिससे मार्ग, ट्रेनों का संचालन और शहर का जीवन त्रस्त हो गया है। इसके साथ ही, नदी-नालों में पानी बढ़कर बचाव और बाढ़ की स्थिति बन गई।
The Economic Times
16 अगस्त को अकेले उपनगरों में 244.7 मिमी बारिश हुई—जो पिछले 13 वर्षों में तीसरी सबसे अधिक एकदिवसीय बारिश थी—जिससे कई इलाकों में बाढ़, लैंडस्लाइड और पारवहन अवरुद्ध हो गया।
The Times of India
एक दशक के डेटा (2014–2024) ने यह दर्शाया है कि अब “तेजी से होने वाली बारिश की घटनाएँ” मुंबई में ज़्यादा और ज़्यादा होती जा रही हैं; एक साथ 4 घंटे में 120–267 मिमी बारिश ने हाल के वर्षों में ज़्यादा तीव्रता पकड़ी है।
The Times of India
जलवायु परिवर्तन क्यों है जिम्मेदार?
एक गर्म वातावरण, अधिक बारिश
जैसे-जैसे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है, वैसा ही हवा में नमी की मात्रा भी बढ़ रही है। लगभग हर 1°C तापमान वृद्धि के साथ हवा में 7% अधिक नमी जमने लगती है—जिससे भारी बारिश की संभावना बढ़ जाती है।
India TodayThe Times of IndiaThe Indian Express
डॉ. रघु मर्तुगुद्डे और डॉ. सुमिल गॉश जैसे वैज्ञानिकों का कहना है कि “क्लाइमेट चेंज एक स्टेरॉयड की तरह काम करता है”— इससे मानसून और वायुमंडलीय गतिविधियाँ तेज़ और शक्तिशाली हो रही हैं।
The Indian Express
शहरीकरण, विशेषकर मुंबई जैसे तेज़ी से विकसित होते शहरों में, अर्बन हीट आइलैंड प्रभाव पैदा हुआ है, जिससे गर्मी बढ़ी है और मानसूनी बारिश और शहरी बाढ़ भी तेज़ हुई है।
TIMEThe Times of India
जलवायु असामान्यताएँ व ‘क्लाइमेट व्हिपलैश’
ग्लोबल स्टडी ने यह दर्शाया है कि विश्व के ज्यादा आबादी वाले शहर अब गीले मौसम की ओर बढ़ रहे हैं—जिसे “क्लाइमेट व्हिपलैश” कहा गया है—जहाँ अचानक सुखा मौसम बरसात में बदल जाता है। दक्षिण एशियाई शहरों, जैसे मुंबई, में यह घटना तेज़ी से बढ़ रही है।
Financial TimesThe Guardian
क्यों एकाधिक मौसम प्रणालियाँ मूसलाधार बरसात लाती हैं?
बे ऑफ बेंगल और अरबी सागर की जुड़ित प्रणालियाँ
तमाम अजगर प्रणाली के बीच, बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव क्षेत्र अक्सर अरब सागर में तीव्र मध्य-पार्श्वीय चक्रवात (MTCs) पैदा करते हैं—जिससे वेस्ट कोस्ट विशेष रूप से प्रभावित होती है।
arXiv+1अचानक क्लाउडबर्स्ट
हिमालयी क्षेत्रों में, जब गर्म मॉनसून हवाएँ ठंडी हवा से मिलती हैं, तो एक घंटे में 100 मिमी से अधिक बारिश से अचानक बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं—क्लाउडबर्स्ट, जो इस साल भारत-पाकिस्तान में कई जानलेवा बाढ़ का कारण बना।
Reuters
बृहन्मुंबई जलवायु कार्य योजना का महत्व
मुंबई ने Mumbai Climate Action Plan लॉन्च किया है, जो शहर के लिए 2050 तक नेट-ज़ीरो ग्रीनहाउस गैस लक्ष्यों और अन्य स्थिरता पहलों का रोडमैप तैयार करता है।
इसमें शहरी बाढ़ प्रबंधन, ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर और जल निकासी सुधार रणनीतियाँ शामिल हैं।
Wikipedia
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: क्या मुंबई में बारिश वाकई तेज हुआ है या डेटा में सुधार हुआ है?
कई वर्षों में बेहतर डेटा मैट्रिक्स के कारण बारिश का पता बेहतर मिल रहा है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वर्षा की घटनाएँ और तीव्र हो रही हैं।
The Times of IndiaIndia Today
Q2: जल्द चेतावनी प्रणाली कितनी मददगार साबित हो सकती है?
बहुत, क्योंकि शहरी बाढ़ जैसी स्थितियों में “sub-daily” यानी घंटे-घंटे की बारिश का अनुमान लगना ज़रूरी है—जिसके लिए IIT मुंबई जैसी संस्थाएं Mumbai Flood Monitoring System जैसी तकनीक विकसित कर रही हैं।
The Indian Express
निष्कर्ष
मुंबई में भारी बारिश की आश्चर्यजनक घटनाएँ—जैसे Record August Downpour, बरसाती तूफ़ान और लगातार जुड़ी मौसम प्रणालियाँ—स्पष्ट संकेत हैं कि क्लाइमेट चेंज और शहरी डिजाइन की कमज़ोरी मिलकर स्थिति को गंभीर बना रहे हैं। इनचीज़ों का सामना केवल बेहतर भविष्य की योजनाओं जैसे Mumbai Climate Action Plan, मजबूत चेतावनी तंत्र, और सुधारित शहरी जल निकासी के माध्यम से ही संभव होगा।