20 अगस्त 2025 को व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलाइन लेविट ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के सामानों पर टैरिफ 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया है। इसका उद्देश्य रूस पर “सेकेंडरी प्रेशर” डालना है, ताकि वह यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाए। व्हाइट हाउस का कहना है कि यह आर्थिक दबाव डालकर शांति स्थापित करने का प्रयास है।
ट्रंप ने संदेश दिया कि उन्होंने भारत पर ये “सैंक्शंस” इसलिए लगाए हैं ताकि रूस पर परोक्ष दबाव बने और युद्ध जल्द खत्म हो सके।
स्रोत: Economic Times, NDTV
भारत क्यों निशाने पर आया?
व्हाइट हाउस और अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि भारत सस्ते रूसी कच्चे तेल को खरीदकर उससे मुनाफ़ा कमा रहा है और यह अप्रत्यक्ष रूप से रूस की युद्ध मशीनरी को आर्थिक सहारा दे रहा है।
अमेरिकी ट्रेज़री सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने कहा कि भारत “अर्बिट्राज” कर रहा है — रूस से सस्ता तेल खरीदकर मुनाफा कमा रहा है। युद्ध से पहले रूस से भारत का आयात 1% से भी कम था, लेकिन अब यह 42% तक पहुँच चुका है।
अमेरिकी सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को “ग्लोबल क्लियरिंग हाउस” कहा जहाँ से रूस को डॉलर और संसाधन मिल रहे हैं।
स्रोत: Reuters, Reuters, Al Jazeera
नीति और रणनीतिक संदर्भ
कार्यकारी आदेश (Executive Order)
6 अगस्त 2025 को ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी किया, जिसमें भारत से आयातित सामान पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की गई।
यह निर्णय राष्ट्रीय आपातकाल (national emergency) के आधार पर लिया गया और 27 अगस्त 2025 से लागू होगा।
यह पहले से लागू अन्य टैरिफ़ और आदेशों के अलावा है।
स्रोत: White House
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने इन टैरिफ़ को “चुनिंदा, अनुचित और अन्यायपूर्ण” बताया और कहा कि उसकी ऊर्जा नीति रणनीतिक स्वायत्तता (strategic autonomy) पर आधारित है।
कूटनीतिक और भू-राजनीतिक असर
भारत-अमेरिका संबंधों में ठंडापन: पहले जहाँ ट्रंप और मोदी के बीच अच्छे रिश्ते माने जाते थे, अब हालात बिगड़ गए हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे आर्थिक कदम उल्टा असर डाल सकते हैं और भारत को BRICS (विशेषकर रूस और चीन) की ओर और करीब धकेल सकते हैं।
इससे एशिया में अमेरिकी प्रभाव भी कमज़ोर पड़ सकता है।
स्रोत: Washington Post, TIME
सारांश तालिका
पहलू | विवरण |
---|---|
क्या हुआ | ट्रंप ने भारत से आयात पर टैरिफ 25% से बढ़ाकर 50% किया |
कारण | रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त कराने के लिए रूस पर अप्रत्यक्ष दबाव डालना |
आरोप | भारत सस्ते रूसी तेल से लाभ उठा रहा है, जिससे रूस को युद्ध में सहारा मिल रहा है |
कानूनी आधार | 6 अगस्त 2025 का कार्यकारी आदेश (Executive Order) |
भारत की प्रतिक्रिया | टैरिफ को अनुचित बताया, ऊर्जा नीति को “रणनीतिक स्वायत्तता” कहा |
असर | संबंधों में खटास, भारत का झुकाव BRICS की ओर बढ़ सकता है |