कूड़ेदान में पड़े जूते बेचकर करोड़पति बन गए दो दोस्त

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मुंबई के रमेश धामी और श्रियांश भंडारी ने 2016 में ग्रीन सोल फाउंडेशन शुरू कर पुराने जूतों-चप्पलों को रीसाइकिल कर नया रूप देना शुरू किया/ अब तक 8 लाख से अधिक जूते जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा चुके हैं. इनके जूते बाजार से सस्ते होते हैं और सरकारी स्कूलों व अनाथ आश्रमों में भी भेजे जाते हैं. साथ ही बैग व चटाइयाँ भी बनाते हैं.​मुंबई के रमेश धामी और श्रियांश भंडारी ने 2016 में ग्रीन सोल फाउंडेशन शुरू कर पुराने जूतों-चप्पलों को रीसाइकिल कर नया रूप देना शुरू किया/ अब तक 8 लाख से अधिक जूते जरूरतमंदों तक पहुंचाए जा चुके हैं. इनके जूते बाजार से सस्ते होते हैं और सरकारी स्कूलों व अनाथ आश्रमों में भी भेजे जाते हैं. साथ ही बैग व चटाइयाँ भी बनाते हैं. 

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