2018 में लड़कियों के लिए 20% सीटें रिजर्व की गईं. इससे संख्या 8% से बढ़कर 20% हुई, लेकिन पिछले 5 सालों से यही अटकी हुई है. इसकी कई वजहें थी- सुरक्षा की चिंता, कोचिंग की महंगी फीस, आत्मविश्वास की कमी, यानी सीटें बढ़ीं, पर असली रुकावटें अब भी वही हैं.2018 में लड़कियों के लिए 20% सीटें रिजर्व की गईं. इससे संख्या 8% से बढ़कर 20% हुई, लेकिन पिछले 5 सालों से यही अटकी हुई है. इसकी कई वजहें थी- सुरक्षा की चिंता, कोचिंग की महंगी फीस, आत्मविश्वास की कमी, यानी सीटें बढ़ीं, पर असली रुकावटें अब भी वही हैं.