इंसान आक्रमक तब होता है, जब उसके विश्वास को चुनौती दी जाए. संसद में मुझे आक्रमक होते हुए कब-कब देखा, जब सदन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर बहुत दकियानूसी और उनको अपमानित करने वाले जो शब्द कहे गए, उसके विरोध में मैंने अपना गुस्सा व्यक्त किया. मैं देश के राष्ट्रपति के बचाव में लोगों को गुस्से में दिखाई दी.