कोलकाता में उर्दू को लेकर होने जा रहा एक कार्यक्रम जावेद अख्तर को भेजे गए निमंत्रण के कारण रद्द हो गया. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जावेद अख्तर को बुलाए जाने का ऐसा विरोध किया कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार कट्टरपंथियों के दबाव में झुकने को मजबूर हो गई. 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले ये विवाद ममता बनर्जी की सेक्युलर पॉलिटिक्स के लिए नई चुनौती है.कोलकाता में उर्दू को लेकर होने जा रहा एक कार्यक्रम जावेद अख्तर को भेजे गए निमंत्रण के कारण रद्द हो गया. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जावेद अख्तर को बुलाए जाने का ऐसा विरोध किया कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार कट्टरपंथियों के दबाव में झुकने को मजबूर हो गई. 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले ये विवाद ममता बनर्जी की सेक्युलर पॉलिटिक्स के लिए नई चुनौती है.