दिल्ली मेट्रो में सफर कर रही 22 साल की छात्रा का एक आम दिन अचानक किसी क्राइम शो की स्क्रिप्ट जैसा बन गया. गलती बस इतनी थी कि उसने एक अंकल को थैंक्यू कह दिया, लेकिन वही ‘थैंक्यू’ उसके लिए सबसे बड़ी गलती साबित हुआ. स्टेशन पर उतरते ही वही अंकल उसका पीछा करने लगे और सवाल-जवाब का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ जिसने इस सफर को डर और बेचैनी की कहानी बना डाला.दिल्ली मेट्रो में सफर कर रही 22 साल की छात्रा का एक आम दिन अचानक किसी क्राइम शो की स्क्रिप्ट जैसा बन गया. गलती बस इतनी थी कि उसने एक अंकल को थैंक्यू कह दिया, लेकिन वही ‘थैंक्यू’ उसके लिए सबसे बड़ी गलती साबित हुआ. स्टेशन पर उतरते ही वही अंकल उसका पीछा करने लगे और सवाल-जवाब का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ जिसने इस सफर को डर और बेचैनी की कहानी बना डाला.