शीर्ष अदालत ने सुझाव मांगे कि स्कूली लड़कियों, गृहणियों और ग्रामीण क्षेत्रों की बच्चियों को सशक्त बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब सुप्रीम कोर्ट विमेन लॉयर्स एसोसिएशन की वकील ने इस घटना को शीर्ष अदालत के संज्ञान में लाया.