‘हे भगवान, मेरा लल्ला क्यों छीन लिया…’ दीपक की मां की यह आवाज सुनकर घर का हर कोना सिसकियों से भर गया. शव जैसे ही आंगन में पहुंचा, मां बेहोश होकर गिर पड़ीं, बहनों की चीखें आसमान तक गूंज उठीं. रिश्तेदार और पड़ोसी की आंखों से आंसू बहने लगे. माहौल इतना गमगीन था कि देखने वालों का दिल पत्थर का भी क्यों न हो, फटकर रोने को मजबूर हो गया.’हे भगवान, मेरा लल्ला क्यों छीन लिया…’ दीपक की मां की यह आवाज सुनकर घर का हर कोना सिसकियों से भर गया. शव जैसे ही आंगन में पहुंचा, मां बेहोश होकर गिर पड़ीं, बहनों की चीखें आसमान तक गूंज उठीं. रिश्तेदार और पड़ोसी की आंखों से आंसू बहने लगे. माहौल इतना गमगीन था कि देखने वालों का दिल पत्थर का भी क्यों न हो, फटकर रोने को मजबूर हो गया.