बिना कॉलर, पट्टा और मज़ल के कुत्तों को बाहर ले जाने पर होगी कार्रवाई
चेन्नई नगर निगम (Greater Chennai Corporation – GCC) ने पालतू कुत्तों के मालिकों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। निगम ने साफ़ कहा है कि अब अगर कोई भी पालतू कुत्ते का मालिक अपने कुत्ते को बिना कॉलर, पट्टा (leash) और मज़ल (muzzle) के बाहर घुमाने ले जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नियम क्यों बनाए गए?
हाल के महीनों में चेन्नई में कई जगहों पर पालतू कुत्तों के काटने और हमले की शिकायतें सामने आई हैं। कई मामलों में कुत्ते बिना नियंत्रण के इधर-उधर भागते पाए गए, जिससे राहगीरों और बच्चों में डर का माहौल बना। इसी को देखते हुए निगम ने पालतू जानवरों पर निगरानी और मालिकों की ज़िम्मेदारी तय करने के लिए यह कदम उठाया है।
मालिकों की जिम्मेदारी
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हर पालतू कुत्ते को बाहर ले जाते समय कॉलर पहनाना अनिवार्य होगा।
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पट्टा (leash) लगाना ज़रूरी है ताकि कुत्ता नियंत्रण में रहे।
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मज़ल (muzzle) लगाना भी ज़रूरी है ताकि वह किसी को काट न सके।
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यदि कोई मालिक इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसे जुर्माना भरना पड़ेगा और बार-बार उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निगम का उद्देश्य
चेन्नई कॉरपोरेशन का कहना है कि इन नियमों का उद्देश्य पालतू जानवरों के प्रति कठोरता नहीं है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
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इससे बच्चों, बुजुर्गों और राहगीरों को कुत्तों के काटने के डर से राहत मिलेगी।
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पालतू कुत्तों की देखभाल का स्तर भी बेहतर होगा क्योंकि मालिक उन्हें नियंत्रित और सुरक्षित तरीके से बाहर लेकर जाएंगे।
जागरूकता अभियान
निगम ने यह भी घोषणा की है कि पालतू पशु मालिकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
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लोगों को बताया जाएगा कि पालतू जानवरों को संभालने की सही प्रक्रिया क्या है।
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कॉलर, पट्टा और मज़ल के इस्तेमाल का महत्व समझाया जाएगा।
निष्कर्ष
चेन्नई कॉरपोरेशन का यह कदम पालतू जानवरों और आम नागरिकों दोनों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है। अब पालतू कुत्तों के मालिकों की ज़िम्मेदारी है कि वे इन नियमों का पालन करें और अपने पालतू के साथ-साथ समाज के प्रति भी संवेदनशील बने।