मंगलुरु सिटी कॉर्पोरेशन (MCC) के आयुक्त मोहम्मद नजीर ने हाल ही में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भवन मालिकों पर जुर्माना लगाएं जो अपने परिसर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने देते हैं। यह कदम डेंगू जैसी मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है।
आयुक्त ने यह भी कहा कि घरों और कार्यालयों में एयर कूलर, फ्रिज, फूलों के गमले और पौधों के ट्रे जैसे सामानों में पानी जमा नहीं होना चाहिए। साथ ही, ठोस कचरे का उचित निपटान भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे पर्यावरण की सफाई, मच्छर नियंत्रण और अपने घरों में मच्छरदानी लगाने को प्राथमिकता दें। इसके अतिरिक्त, आयुक्त ने शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी और निजी कार्यालयों में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
यह पहल नगर निगम की डेंगू बुखार की स्थिति से निपटने और नागरिकों की स्वास्थ्य और कल्याण की रक्षा करने के लिए एक समग्र रोकथाम और नियंत्रण रणनीति का हिस्सा है। आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जलभराव की स्थिति उत्पन्न करने वाले भवन मालिकों पर जुर्माना लगाएं और सुनिश्चित करें कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाए।
यह कदम न केवल डेंगू जैसी बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह नागरिकों को उनके पर्यावरणीय दायित्वों के प्रति जागरूक करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
नगर निगम ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जुर्माना लगाने की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो, और सभी नागरिकों को समान रूप से लागू हो। इस पहल से यह उम्मीद की जा रही है कि नागरिकों में जलभराव की समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे अपने परिसर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने से रोकने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाएंगे।
इसके अलावा, नगर निगम ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नालों की सफाई और जल निकासी प्रणाली की क्षमता बढ़ाने के उपायों पर भी विचार किया है। आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आगामी वर्षा ऋतु के दृष्टिगत जलभराव की समस्या के निदान के लिए विस्तृत योजनाएं तैयार करें।Arya TV
इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि नगर निगम जलभराव की समस्या को गंभीरता से ले रहा है और इसे दूर करने के लिए ठोस कदम उठा रहा है। नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और जिम्मेदारी से यह समस्या शीघ्र हल हो सकती है।
नागरिकों से अपील की जाती है कि वे अपने परिसर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं और नगर निगम के साथ मिलकर इस समस्या के समाधान में सहयोग करें।