सबसे कठिन तीर्थयात्राओं में शामिल कैलाश मानसरोवर की यात्रा, कितने किलोमीटर लंबी है?

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने के लिए फिट रहना बेहद जरूरी होता है क्योंकि इस यात्रा को पूरा करने के लिए आपको कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।

कैलाश मानसरोवर की यात्रा का नाम न केवल सबसे कठिन तीर्थयात्राओं में बल्कि सबसे प्रसिद्ध तीर्थयात्राओं में भी शामिल है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा 30 जून से शुरू होकर अगस्त के महीने तक जारी रहेगी। कैलाश मानसरोवर की यात्रा में भक्तों की अच्छी खासी तादाद देखने को मिलती है।

कैलाश मानसरोवर की यात्रा में कैलाश पर्वत की परिक्रमा करनी पड़ती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस परिक्रमा के दौरान 50 से 55 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ सकता है। शिव भक्तों के बीच काफी ज्यादा प्रसिद्ध इस यात्रा को 3 दिन में पूरा किया जा सकता है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के दौरान 320 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई मानसरोवर झील की परिक्रमा भी शामिल है।

दो मुख्य यात्रा मार्ग कौन से हैं?

कैलाश मानसरोवर की यात्रा के 2 मुख्य मार्ग हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा और सिक्किम में नाथू ला दर्रा, कैलाश मानसरोवर की यात्रा के 2 मुख्य मार्ग हैं। 23 से 25 दिनों में कैलाश मानसरोवर की यात्रा को पूरा किया जा सकता है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा को पूरा करने के लिए फिटनेस को मेंटेन रखना बेहद जरूरी है।

गौर करने वाली बात

कैलाश मानसरोवर में कभी भी मौसम बदल सकता है। आपकी यात्रा बिना किसी बाधा और परेशानी के पूरे हो सके, इसके लिए आपको गर्म कपड़े जरूर रखने चाहिए। इसके अलावा कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना, मन को शांत रखना और भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। इस यात्रा के दौरान आपको एक अलग ही वाइब महसूस होगी। आपको बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल हिंदू धर्म में बल्कि बौद्ध, जैन और सिख धर्म में भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है।

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